जम्मू एवं कश्मीर
के अतहर आमिर उल शफी खान ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा 2015 में दूसरा स्थान प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि
हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती।
खान प्रतिष्ठित परीक्षा
में सफल होने वाले जम्मू व कश्मीर के सबसे कम उम्र व्यक्ति हैं।
दक्षिणी कश्मीर के
अनंतनाग जिले के देवीपोरा-मट्टन गांव से ताल्लुक रखने वाले खान लगातार दूसरी बार इस
परीक्षा में उत्तीर्ण होने का कारनामा किया है। पहली बार 2014 की सिविल सेवा में पहले प्रयास में ही 560वां रैंक हासिल किया था। इस सपने के पूरा होने पर
अतहर कहते हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक सेवाएं देना है।
उन्होंने कहा,
‘पिछले साल मेरी रैकिंग कम थी और ऐसे में मुझे आईआरटीएस
दिया गया। मैंने नौकरी शुरू की। आईएएस मेरी पहली पसंद थी और मैंने नौकरी के साथ परीक्षा
में भी बैठने की योजना बनाई।’ स्कूली शिक्षक के बेटे खान में साल 2009 में कश्मीर घाटी के शाह फैसल के लोक सेवा परीक्षा
में सर्वोच्च स्थान हासिल करने के बाद आईएएस बनने की दिलचस्पी पैदा हुई।
गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी
स्कूल अनंतनाग में सीनियर लेक्चरर मोहम्मद शफी खान कहते हैं कि बेटे के इस मुकाम पर
पहुंचने से उनका सिर गौरव से ऊंचा हुआ है। किसी भी बाप के लिए शायद ही इससे यादगार
लम्हे हो सकते हैं।
माता साहिरा ने भी
बेटे की उपलब्धि पर खुशी जताई है। अतहर के परिवार में एक छोटा भाई, दो बहने और दादा दादी हैं। अतहर मौजूदा समय में
इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट आफ ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट, लखनऊ से प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं।
courtesy - amarujala.com
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